क्या आपने कभी चखा है छत्तीसगढ़ की अनोखी फूलकसवा चटनी? जानिए इस अनोखी रेसिपी का इतिहास और बनाने का तरीका!
फूलकसवा चटनी का इतिहास और विशेषता
फूलकसवा चटनी (Chutney) की जड़ें छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में गहरी हैं। छत्तीसगढ़ के लोग पारंपरिक भोजन से बेहद जुड़े हुए हैं और फूलकसवा चटनी भी इसी प्रेम का हिस्सा है। इस चटनी में मुख्य सामग्री "फूलकसवा" का उपयोग किया जाता है, जो वास्तव में एक प्रकार का लाल चावल (Read Rice) है। पुराने समय में, जब गाँवों में हरियाली और धान की फसलें लहराती थीं, तब लोग धान को भूनकर और पीसकर फूलकसवा बनाते थे।
इस चटनी को बनाते समय पारंपरिक तरीके से हाथ से पीसा जाता था, जिससे इसका अनोखा स्वाद (Test) उभरकर आता था। कहते हैं कि Chhattisgarh के राजाओं के दरबार में भी इस चटनी का विशेष महत्व था। आज भी कई परिवार अपने पुरखों से सिखाई गई इस अनोखी चटनी को बड़े प्रेम से बनाते हैं और इसका स्वाद चखते हैं।
फूलकसवा चटनी से जुड़ी एक रोचक कहानी
एक बार, छत्तीसगढ़ के एक गाँव में एक बुजुर्ग महिला रहती थी, जिन्हें फूलकसवा चटनी बनाने में माहिर माना जाता था। उनकी चटनी इतनी लाजवाब होती थी कि गाँव के लोग उसे "चटनी वाली दादी" के नाम से बुलाते थे। कहते हैं कि दादी की यह चटनी उनके दादा ने उन्हें सिखाई थी, जो जंगल से फूलकसवा चुनकर लाते थे और फिर दादी उसे पीसकर चटनी बनाती थीं। लोग कहते हैं कि वह चटनी में एक खास तरह का देसी मसाला डालती थीं, जो उसकी खुशबू को और भी खास बना देता था। गाँव के हर बड़े-बूढ़े ने इस चटनी को दादी के हाथों से चखा और वो स्वाद उनकी यादों में बस गया।
फूलकसवा चटनी बनाने का तरीका (How to Make Phoolkaswa Chutney)
सामग्री:
- फूलकसवा (लाल चावल से तैयार किया गया पाउडर) - 1 कटोरी
- प्याज - 1 मध्यम आकार का, बारीक कटा हुआ
- लहसुन की कलियां - 4-5 (पिसी हुई)
- हरी मिर्च - 2-3 (बारीक कटी हुई)
- नमक - स्वाद अनुसार
- धनिया पत्ती - गार्निश के लिए
- नींबू का रस - 1 छोटी चम्मच
- सरसों का तेल - 1 छोटी चम्मच (स्वाद के लिए)
विधि:
फूलकसवा का पाउडर तैयार करें:
- फूलकसवा के लिए लाल चावल को हल्का भूनकर पाउडर बना लें। इसका भुनने का समय बहुत महत्व रखता है, इसलिए ध्यान से इसे भूनें ताकि इसका स्वाद बना रहे।
प्याज, लहसुन, और हरी मिर्च डालें:
- एक कटोरी में फूलकसवा का पाउडर लें। अब इसमें बारीक कटी हुई प्याज, पिसा हुआ लहसुन और बारीक कटी हरी मिर्च डालें।
स्वादानुसार नमक डालें:
- इस मिश्रण में नमक डालें। याद रखें कि नमक ज्यादा न डालें, वरना चटनी का स्वाद बिगड़ सकता है।
सरसों का तेल और नींबू का रस डालें:
- अब इसमें एक छोटी चम्मच सरसों का तेल और एक छोटी चम्मच नींबू का रस डालें। सरसों का तेल इसे एक खास देसी स्वाद देगा जो इसे और भी अनोखा बना देगा।
धनिया पत्ती से गार्निश करें:
- अच्छे से मिलाने के बाद, चटनी को एक कटोरी में निकालें और ऊपर से धनिया पत्ती से गार्निश करें।
परोसने के लिए तैयार:
- आपकी फूलकसवा चटनी तैयार है। इसे आप गरमा गरम रोटी, चावल, या भाखरी के साथ परोस सकते हैं।
फूलकसवा चटनी के फायदे (Health Benefits of Phoolkaswa Chutney)
- पाचन शक्ति को बढ़ाए: इसमें इस्तेमाल होने वाला लाल चावल पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
- सर्दी-खांसी में राहत: इसमें मौजूद लहसुन सर्दी-खांसी में राहत देता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- तेल का कम उपयोग: फूलकसवा चटनी में तेल का उपयोग बहुत ही कम होता है, जिससे यह हल्की और स्वस्थ होती है।
फूलकसवा चटनी न केवल छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि इसमें छुपा हुआ इतिहास और अनूठा स्वाद भी है। इस चटनी की रेसिपी को आज के समय में वापस लाना हमारी धरोहर को संजोने जैसा है। इस फूलकसवा चटनी का स्वाद और इसकी महक आपको छत्तीसगढ़ की मिट्टी से जुड़ा हुआ महसूस कराएगी।
तो क्यों न इस बार आप अपने घर पर इस अनोखी फूलकसवा चटनी को बनाकर देखें और छत्तीसगढ़ के पारंपरिक स्वाद का आनंद लें.
Bahut achha
जवाब देंहटाएंthanks
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